उन किलकारियों के शोर में मेरी आवज दब- सी रही थी,, लोग हमें शराबी बोल रहे थे,, और शराब हमें चढ़ ही नहीं रही थी।। और शराब हमें चढ़ ही नहीं रही हैं।। #किलकारियां#