जहाँ चाहा रहा जो चाहा किया कोई आँख दिखाए उसकी क्या मज़ाल यह है नेता का कमाल। भष्ट्राचार के केन्द्र बिन्दु पार्टी के ये सेतु बिन्दु जनता के हैं नेत्र बिन्दु इनकी अनोखी है मिसाल यह है नेता का कमाल। देशहित में कोई चाह नहीं स्वाभिमान की कोई राह नहीं कुर्सी के तो अदलू-बदलू ऐसे भारत माँ के लाल यह है नेता का कमाल। तहलका पर तहलका। कर दिया इन्होंने देश हल्का ये लेते घूस खुल्लम खुल्ला इनसे देश है बेहाल यह है नेता का कमाल। ©Aakanksha Tripathi #नेता का कमाल