तेरा ये नजरों का तलवार की तरह चलाना, मुझे भाता तो है पर तड़पाता भी बहुत है। नजरें झुका के उठाना और उठा के झुकाना, करता तो है मदहोश पर सताता भी बहुत है।। @भानू शुक्ला a ankhe kya krti hai