TRUE LINES ये ज़िंदगी एक किताब है जिसे पढ़ते तो सब है अफ़सोस समझता कोई नही ये सांसे सुबह के उस अलार्म की तरह है जिसे जो चाहे जब चाहे बंद कर दे और ये मौत जिससे रूबरू तो सब है मगर फिर भी इसकी चाहत किसी को नहीं ©kavita ranjan #lost Fujail Ahmed Hemant Meena Mohan sharma Rana Fiaz Ismail Sekh may god bless you