कहानी फिर से इंद्र, सिंघासन के अभिशाप की । चलो जमीन को बांट लो, ये मेरी और ये आप की ।। ये पाना जिसको आ गया, उसको ये जग सूक्ष्म था । ये फिर उसी की चीख है, ये ध्वनि है विलाप की ।। #सिंघासन #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #yqhindishayari #हिंदी #हिंदी_कोट्स_शायरी