दुनिया एक रंगमंच है सपनों का व्यापार नहीं खुद की सांसे खुद ही लेता औरों का उपकार नहीं नगद की जिंदगी नगद में जीता मेरा ऐसा व्यवहार नहीं सांस छोड़ कर सांस हु लेता सांसों का व्यापार नहीं धीरे धीरे होले होले पलट रहे हैं जीवन के पन्ने जीवन के अक्षर गड़े हुए हैं पृष्ठ कौन के पन्ने पे धीरे धीरे होले होले पलटाना रे फटे ना जीवन के पन्ने रे Gudvin.barche@g