मेरी रूह को सुकून मिल जाती तो क्या गुनाह होता सदियों से जगा हूं उनके बाहों में आखरी नींद हो जाती तो क्या गुनाह होता यूं तो कोई भी नहीं साथ हमारे पर मेरे जनाजे को दो चार हाथ मिल जाते तो क्या गुनाह होता खाना नहीं मिलता दुलार नहीं मिलता पर मृत रूह को थोड़ी सी ही सही कफ़न मिल जाती तो क्या गुनाह होता । #मेरे_जज्बात008 #कामिल_कवि #जज्बाती_अल्फाज़ #कुणाल कंठ #yqdidi #yqbaba #kunu