हां बचपन इस धुंध में अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१
अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से*आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२बेटी_बेटा
अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३ अम्मी को*नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४
रात्रि 3बजे की इबादत
*वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//५*मां बाप
छोटी बेटी,दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को*मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६*पूर्ण #Mother#father#fog#shamawrites