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हां बचपन में धुंध में अपने अब्बू को साइकिल पर रोजा

हां बचपन में धुंध में अपने अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१
अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२
अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३
अम्मी को नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४

वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी  घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//
छोटे बेटी दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६                     
कैसे खून के रिश्ते,और कैसा जमाना आया है,एक सगी बेटी ने 78
साला अपाहिज वालीदेन को खुद के ही घर से पामाल करते हुए भी मैने देखा है
लोगो जमाने में बेटा बहु का जो टैग इतिहास बताता है,आज इनके उलट मे ऐसे मक्कार बेटी दामाद को नया इतिहास रचते हुए मैने देखा है //८
शमा हद तो तब हुई जब आया सच सामने,तो कुत्ते, लोमड़ी के समर्थन में सियारों को दस्तखत फर्जी पट्टे मे करते हुए भी मैने देखा है//९ 
 स्वरचित १५/६/२१ शमीम अख्तर/शमा write ✍️

©shama write हां बचपन इस धुंध में अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१           
अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से*आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२बेटी_बेटा
                       
अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३                           अम्मी को*नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४
रात्रि 3बजे की इबादत
                                    *वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी  घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//५*मां बाप
                  
छोटी बेटी,दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को*मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६*पूर्ण
हां बचपन में धुंध में अपने अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१
अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२
अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३
अम्मी को नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४

वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी  घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//
छोटे बेटी दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६                     
कैसे खून के रिश्ते,और कैसा जमाना आया है,एक सगी बेटी ने 78
साला अपाहिज वालीदेन को खुद के ही घर से पामाल करते हुए भी मैने देखा है
लोगो जमाने में बेटा बहु का जो टैग इतिहास बताता है,आज इनके उलट मे ऐसे मक्कार बेटी दामाद को नया इतिहास रचते हुए मैने देखा है //८
शमा हद तो तब हुई जब आया सच सामने,तो कुत्ते, लोमड़ी के समर्थन में सियारों को दस्तखत फर्जी पट्टे मे करते हुए भी मैने देखा है//९ 
 स्वरचित १५/६/२१ शमीम अख्तर/शमा write ✍️

©shama write हां बचपन इस धुंध में अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१           
अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से*आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२बेटी_बेटा
                       
अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३                           अम्मी को*नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४
रात्रि 3बजे की इबादत
                                    *वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी  घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//५*मां बाप
                  
छोटी बेटी,दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को*मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६*पूर्ण

हां बचपन इस धुंध में अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१ अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से*आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२बेटी_बेटा अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३ अम्मी को*नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४ रात्रि 3बजे की इबादत *वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है//५*मां बाप छोटी बेटी,दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को*मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६*पूर्ण #Mother #father #fog #shamawrites