पता नहीं क्यों पर आज, दिल के राज़ खोलने का मन है.. आज खुद से नहीं केवल तुझसे बहुत कुछ बोलने का मन है.. आज यूहीं आँखें बंद करके नहीं बल्कि तेरी आँखों में देखकर बहुत रोने का मन है.. आज तकिया पकड़के नहीं प्यार से,तेरा हाथ थाम के सोने का मन है...। - हिमांशु बातें कुछ अनकही #Art #dilkraaz