तेरे लिए ओ मेरे सनम हम लेंगे सौ सौ जनम सदियों तलक हवाओं में गूजेंगा यही तराना हमको तुमसे प्यार है.... सहभागिता सबके लिए खुली है |आपकी_सहेली ✍️ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं। आज का शीर्षक है : कशिश_ए_इश्क