हर जगह हर ओर धुआं सा उठा है ।। लगी आग और उसका घर जल गया है ।। भीड़ भी अब तो बढ़ने लगी है बात हर घर घर में चलने लगी हैं ।। कटी जीभ उसकी पर निशब्द है मालिक मस्ताने कब बोलोगे आप महराज अब तो आपकी छिपने वाली चादर भी है मुंह छिपाए हर बार का आश्वासन और फिर चुप्पी कब तक अकेले ही खेलोगे लुका छिपी कब तक चार आग लगाते रहेगें कब तक जिंदा जलाते रहेंगे जला कर भी दरिंदे बचते रहेंगे और आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे शर्म करो अब तो ऐसा कानून धरो की सुन कर दरिंदे काप जाए भारत माता की हर बेटी निडर कहीं भी चल पाए ।। ©mohabbate navodaya ,❤️vimal gupta #JusticForManishaValmiki Praval Yadav 🇮🇳