कुबूल तुमने मुझे किया तो इठलाई हूँ, वफा के धागो संग बंधती चली आई हूँ ॥ कलम मेरी रचना करे, मेरे रचनाकार हो तुम, कितने भोले कितने नेक मेरे सखा संसार हो तुम ॥ दोस्ती कि है तो अंत तक निभाना, देखो पर दोस्ती निभाते निभाते आँसू ना दे जाना ॥ #YourQuoteAndMine Collaborating with RUM ANN MANCHNDA Collaborating with Naveen Kumar