तुमसे उम्मीदें बाँधनी भी मैनें बंद कर दी है, शायद, मेरा इश्क़ अब निस्वार्थ हो चला है। इक उम्मीद, बस बाँध रखी थी मैने तुमसे, जाओ, मैने तुम्हे आज़ाद अब कर दिया है। © इकराश़ **इससे बहुत लोग इत्तेफाक़ रखेंगे। बहुतों के दिल के नब्ज़ को छुएगी ये दो पंक्तियाँ। #YqBaba #YqDidi #IkraashNaama #Ummeed #Ishq #niswarth_prem