किसी को शक्ल से किसी को तहक़ीक़ से जानता हूँ मैं
ना वो मुझे ठीक से जानते है ना उन्हें ठीक से जानता हूँ मैं
चलो मान ली तुम्हारी बात कि हम दूर हो गए है
तुम भी जानते हो तुम्हे सबसे नज़दीक से जानता हूँ मैं
मुझे ये याद नहीं कितनी बार तुम्हें फ़ोन करना भुला था
हाँ इतना याद ज़रूर है तुम्हें किस तारीख़ से जानता हूँ मैं #तारीख़