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बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है मिर्ज़ा ग़ाल

बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है




मिर्ज़ा ग़ालिब
(पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें) #NojotoQuote Mirza Ghalib Ghazal 
बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है 
ग़ुलाम-ए-साक़ी-ए-कौसर हूँ मुझ को ग़म क्या है 
तुम्हारी तर्ज़-ओ-रविश जानते हैं हम क्या है 
रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम क्या है 
सुख़न में ख़ामा-ए-ग़ालिब की आतिश-अफ़्शानी 
यक़ीं है हम को भी लेकिन अब उस में दम क्या है 
कटे तो शब कहें काटे तो साँप कहलावे
बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है




मिर्ज़ा ग़ालिब
(पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें) #NojotoQuote Mirza Ghalib Ghazal 
बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है 
ग़ुलाम-ए-साक़ी-ए-कौसर हूँ मुझ को ग़म क्या है 
तुम्हारी तर्ज़-ओ-रविश जानते हैं हम क्या है 
रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम क्या है 
सुख़न में ख़ामा-ए-ग़ालिब की आतिश-अफ़्शानी 
यक़ीं है हम को भी लेकिन अब उस में दम क्या है 
कटे तो शब कहें काटे तो साँप कहलावे

Mirza Ghalib Ghazal बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है ग़ुलाम-ए-साक़ी-ए-कौसर हूँ मुझ को ग़म क्या है तुम्हारी तर्ज़-ओ-रविश जानते हैं हम क्या है रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम क्या है सुख़न में ख़ामा-ए-ग़ालिब की आतिश-अफ़्शानी यक़ीं है हम को भी लेकिन अब उस में दम क्या है कटे तो शब कहें काटे तो साँप कहलावे #ghazal #Hindi #nojotohindi #NojotoHindiLiterature