हीरे को भी कोयले से बक्त तराश देता है,, एक शरीफ शक्सियत को भी दौलत का एहसास बिगाड़ देता है,, बहुत कम्बखत जालिम चीज है इश्क,, जिसनें की हो सिर्फ वफा ए मोहब्बत बेवफाई के कटघरे में ये उसे भी मुजरिम करार देता है,,। अन्धा इन्साफ,,,