अंधियारी की आँचल में छिप गई है, सोच मेरी। कोई दिया ढूंढ़ के ले आओ ऐसा जो मेरे मन को रौशन कर दें।। कहीं खुद को खो बैठी हूं, मैं। बस मेरी अस्तित्व को ढूंढ़, मुझे वापस कर दें।। कर कर्म बस इतना तू, ये मालिक मेरे। मेरी मुस्कान लौटा कर मुझे, मेरे होठों पर भर दें।। काली रातों को मैं, दिये से रौशन कर आई। अब मेरी दुनिया को भी तू, अपनी प्रकाश से जगमग कर दें।। सुना पड़ा है, ये आशियाना मेरा। खुशियों से मेरी झोली भर दें।। अंधियारी की आँचल में छिप गई है, सोच मेरी। कोई दिया ढूंढ़ के ले आओ ऐसा जो मेरे मन को रौशन कर दें।। #Diya #light #mere_man_ko_raushan_kr_de. #nojotopoem #myquotes