खाली खाली दिल है मेरा और बड़ी तन्हाई है यादें बनकर रात अंधेरी अब आंगन में छाई है ! पुरवाई चलने से देखो छुपी कसक भी जाग गई सूनी सूनी आंखों में अब मेरी बस रुसवाई है ! 🌺💕#शुभरात्री💕🙏 : हाथ तेरा थामकर मैं घूमता पूरा शहर तपती सुबह के साथ तेरे झूमता था दोपहर ! वक्त सरपट दौड़ता था हम कभी मिलते थे जब तेरे बिन जाने यह कैसी मायूस शामें आई है! : #पांच