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बस एक उसे, पाने को वो जो कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी

बस एक उसे, पाने को वो जो
कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी
मैंने बाज़ुओं में, थोड़ी भरी थी
जाने को ही था, मैं इस जहाँ से
मेरी साँस भी, मुझसे लड़ पड़ी थी किस्मत से लड़ पड़े एक रोज़
बस एक उसे, पाने को वो जो
कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी
मैंने बाज़ुओं में, थोड़ी भरी थी
जाने को ही था, मैं इस जहाँ से
मेरी साँस भी, मुझसे लड़ पड़ी थी
मुझे खींच कर, वापस वो लायी
और हाथ थमें, मेरा खड़ी थी
बस एक उसे, पाने को वो जो
कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी
मैंने बाज़ुओं में, थोड़ी भरी थी
जाने को ही था, मैं इस जहाँ से
मेरी साँस भी, मुझसे लड़ पड़ी थी किस्मत से लड़ पड़े एक रोज़
बस एक उसे, पाने को वो जो
कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी
मैंने बाज़ुओं में, थोड़ी भरी थी
जाने को ही था, मैं इस जहाँ से
मेरी साँस भी, मुझसे लड़ पड़ी थी
मुझे खींच कर, वापस वो लायी
और हाथ थमें, मेरा खड़ी थी

किस्मत से लड़ पड़े एक रोज़ बस एक उसे, पाने को वो जो कुछ वक़्त पहले, आ मिली थी मैंने बाज़ुओं में, थोड़ी भरी थी जाने को ही था, मैं इस जहाँ से मेरी साँस भी, मुझसे लड़ पड़ी थी मुझे खींच कर, वापस वो लायी और हाथ थमें, मेरा खड़ी थी #yqbaba #Collab #hindipoetry #yqdidi #क़िस्मत #YourQuoteAndMine