सुनो मेरी जान... . हम तो हर सुबह की- गरम चाय के धुएं में ही, तेरे अक्स की परछाइयां- यूंहीं देखते ही चले जाते हैं... . फिर तेरी मेहंदी की- खुशबू की याद से ही, तेरी काया की महक भी- हम सूंघते ही चले जाते हैं... . मुझे लगता है शायद- यही प्यार है मेरी जान, जो तेरी यादों के बिना तो- अब हम जी भी नहीं पाते हैं... . ©Andy Mann #सुनो_ना