तेरी यादे भी अब तो बदल बदल के मजा देती है! कभी रूलाती है मुझे तो कभी हन्सा देती है !! मैं निसार तुज पर मैं कुर्बान तुज पर,, मैं दिलो जान से फिदा तेरी अदा पर ,, मैरे रूठे हुवे दिल को तू पल भर मे मना लेती है! मैरी पलको के मुसल्ले पर तेरे ख्वाब सजदे किया करते है हर सजदे का सवाब हम तो नाम तेरे किया करते है ! तेरे नाम की तस्बी पड कर अब तो गुजरते है सामो सहर मैरे,, हर एक लम्हा बस तुझसे मिलने की मन्नते किया करते है क्यूँ न तेरी यादो को सिने से लगाए फिरू मैं,, कमबख्त जब भी आती है मैरे सारे गम भूला देती है! मैरी निय्यत मैरे रूखू मैरे सजदो मे तू है... मैरी दुआ मैरी फरियाद मैरी मन्नतो मे तू है.. हा तेरे बगैर कुच्छ भी नहीं है वजूदे हयात मैरी,, तू है जिने की वजाह मैरी हा मैre मक्सदो मे तू है.. असर न जाने ऐसा क्या ह तेरी भोली सुरत मे, तुझे देखते ही ज़िन्दगी मुस्कुरा देती हैं! अब कैसे कहू के मैरी क्या क्या तू हैं.. मैरा ईश्क मैरा प्यार मैरी वफा तू हैं ... सुकुन मिलता हैं दिल को ए जान तुझसे बात करने से,, हाँ सच कहे रुस्तम तो मैरी हर दर्द की दवा तू हैं.... ये करिश्मा हैं तेरी मोहब्बत का ए मैरी जाने वफा,, जो मैरे अल्फाजो गजल बना देती हैं!!!! RUSTAM ALI ANJUM मैरे अल्फाज़