ये दिल मेरा तुझसे दूर होने के दलीले देता है... इश्क की नासमझी मे उस आजमाईश तक चाह लिया है तुम्हे कि तुमको देखकर ही दिल ये जीता है... वाकिफ हुए जब आईऩे की नुमाईश से तो ये दिल मेरा दूर होने की दलीले देता है... कि चाहत को मेरी तेरे लिए तूने तवायक बना ही दिया.... खूब किया इश्क तूने भी गैरो की तरह और आखिरकार गैर बना ही दिया.. ये तू है तू जिसके लिए जख्म रोज़ ही सीता है ये दिल मेरा दूर होने की अब दलीले देता है.. कि मदहोश हू और बेपरवाह भी तेरे लिए पर बिगड़ रहा है कुछ ये बता ही दिया.... रोज़ मिले भीड़ मे हम और तूने हमे भीड़ बता ही दिया.... ये तेरा प्यार हैै जिसके लिए ये आंखे अासू पीता है दिल मेरा अब दूर होने की दलीले देता है.. रोज तेरे चेहरे के दिदार के लिए लूटा है तुमने हमे तुम्हारे प्यार के लिए पर अब वक्त की पाबंदी को तूने हमारे इश्क के बीच लगा ही दिया.... वक्त वक्त करता रहा तू और मुझको बेवक्त बता ही दिया.... कि बस... पहले ही जिदंगी बड़ी तकलीफो मे बीता है दिल मेरा दूर होने की अब दलीले देता है.. #dil..... #dalili#de #rha h