Nojoto: Largest Storytelling Platform

#OpenPoetry "बारिश" जब कभी बारिश आती है वो दीवार

#OpenPoetry "बारिश"

जब कभी बारिश आती है
वो दीवार टूट जाती है
अक्सर माँ जिसे
बारिश के बाद बनाती है।

कोई बरतन रख देता है
जहाँ पानी टप-टप-टप
गिरता है
कोई चारपाई उठाता है
जो बिछी हुई थी आँगन में और
किसी के द्वारा उठा लिए जाते हैं
वो कपड़े, जो सूख रहे
हल्की-हल्की धूप में।

सचमुच ये बारिश हमें
तंग-सा कर जाती है
गुस्सा तो जायज़ है फिर भी
इक हँसी-सी आ जाती है
सबके चेहरों पर
मगर ये बारिश बहुत ही प्यारी है
जो मेरा घर जोड़ जाती है। #PoetryCompetition #Nojoto
#Baarish
#OpenPoetry "बारिश"

जब कभी बारिश आती है
वो दीवार टूट जाती है
अक्सर माँ जिसे
बारिश के बाद बनाती है।

कोई बरतन रख देता है
जहाँ पानी टप-टप-टप
गिरता है
कोई चारपाई उठाता है
जो बिछी हुई थी आँगन में और
किसी के द्वारा उठा लिए जाते हैं
वो कपड़े, जो सूख रहे
हल्की-हल्की धूप में।

सचमुच ये बारिश हमें
तंग-सा कर जाती है
गुस्सा तो जायज़ है फिर भी
इक हँसी-सी आ जाती है
सबके चेहरों पर
मगर ये बारिश बहुत ही प्यारी है
जो मेरा घर जोड़ जाती है। #PoetryCompetition #Nojoto
#Baarish