#OpenPoetry "बारिश" जब कभी बारिश आती है वो दीवार टूट जाती है अक्सर माँ जिसे बारिश के बाद बनाती है। कोई बरतन रख देता है जहाँ पानी टप-टप-टप गिरता है कोई चारपाई उठाता है जो बिछी हुई थी आँगन में और किसी के द्वारा उठा लिए जाते हैं वो कपड़े, जो सूख रहे हल्की-हल्की धूप में। सचमुच ये बारिश हमें तंग-सा कर जाती है गुस्सा तो जायज़ है फिर भी इक हँसी-सी आ जाती है सबके चेहरों पर मगर ये बारिश बहुत ही प्यारी है जो मेरा घर जोड़ जाती है। #PoetryCompetition #Nojoto #Baarish