सही राह पे तो बढ़ रहे हैं फिर भी मंज़िल क्यों दूर लगती है क्या किस्मत बुरी है जो चीज़ मैं चाहूं नहीं मिलती है? लेकिन कहते हैं न सोच बदलो तो दुनिया बदल जाती है नए सपनों की हर एक सीमा बदल जाती है हो सकता है मंज़िल ही चुनी गलत हो जो थी ही ना खूबी कभी ,वही आज हमारी चिंता का सबब हो! अपनी खासियत से रूबरू होना गुनाह नहीं बिन हुए नाकाम छू लो ऊंचा आसमां ऐसा मैंने सुना नहीं रखो ऊंचे हौसले तो फ़िर जो आए मुश्किल हम संभल लेंगे, अगर मेरी चुनी हुई राह नहीं लिख सकती कामयाबी की दास्तां तो कसम लकीरों की हम मंज़िल बदल लेंगे! #manzil #कामयाबी #दास्तां #NojotoApp #NojotoHindi #motivation #सपने #हौसले Azad ताहिर তাহীৰ Inner Voice