कुछ सही नही जमाने मे , तुझे देखे जमाना हुआ बदल गयी हे जमाने की घडीया , तेरा तो बस् बहाना हुआ . . . ए-जमाना हसने भी नही देता , तेरा इंतज़ार मेरा सहारा हुआ रूख बदला हे मेरी हालातों ने , मेरा इश्क़ बंजारा हुआ . . . बडी तकलीफ दे रही हे तेरी याद , एसा इशारा हुआ छुपकर मिलता हु तेरी परछाई से , इस लिये इश्क़ दोबारा हुआ . . . #काकडे #Time