गजब के लोग रहते है यहां पर आपस मे ही मार-काट के मर जाते हैं यहां पर जानते हो किस बात पर वो मेरे गाँव का है फिर वो मेरे जिला का है और वो मेरे राज्य का है बस इसी बात पर वह व्यक्ति गाँव,जिला,और राज्य वाले व्यक्ति के पक्ष में बोल कर लड़ाई को बढ़ा देते है ये नही सोचते हैं कि आखिर गलती किसकी है लड़ाई को ओर भी हवा देते हैं क्या यही इन्शानियत हैं आप कुछ दिन के लिए तो जीवन मिला है और लड़ते हो जैसे आप धरती पर आके अमर हो गए हो जैसे आपको मरना ही नही है क्यों लड़ते हो मिल जुल के रहोना कुछ लेकर आए हो ना लेकर जाओगे । जीवन की सच्ची कहानी ।