तेरे तसव्वुर में जो फरोज़ाँ था, उसे हक़ीक़त के तेरे तलव्वुम से मिलाकर जो तर्क-ए-ताल्लुकात हुआ है, उस हिज्र के फिराक में, मैं ना-तवाँ, बेकसी और खल्वत की ज़िदाँ में हूँ हनूज़, अपनी रिफाकत से इस मसाफत को सबात में एक लहज़े से बदल दो। -नौशीन अल्वी #Heart तसव्वुर-कल्पना, फरोज़ाँ-चमक, तलव्वुम-रंग बदलना, तर्क-ए-ताल्लुकात-रिश्ता टूटना हिज्र-जुदाई फिराक-गम ना-तवाँ-कमजोर बेकसी-लाचारी