धर्म ग्रंथों के अनुसार जब नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर बैठकर आती है तो उसे अत्यंत शुभ माना जाता है मनुष्य और जानवर में बड़ी समानता यह है सिर्फ विचार शक्ति और उसकी अभिव्यक्ति के साथ-साथ उसके किरिया वाहन के कारण ही मानव तन श्रेष्ठ है अन्यथा कार्य करने में तो पशु भी सदस्य होते हैं जब अपराधिक घटनाएं होती हैं तो तब पुलिस अधिकारी स्वासन की मदद लेते हैं स्वासन आगे आगे चलता है पुलिस के लिए पीछे पीछे चलते हैं उसी दृष्टि से देवी-देवताओं के सभी वाहनों में कुछ ना कुछ विशेषता होती है हाथी को ही लिए जाए तो है अत्यंत संवेदनशील जानवर है उसकी आंखों में आंसू बहते देखा जा सकता है आंसू आंखों में आंसू के रूप में पानी संवेदन का सूचक है दूसरों की पीड़ा परिवेदा होना संवेदनशीलता का लक्षण है हाथी के कान बड़े होते हैं बड़ा कान सुधर जाता से मुक्त होना है वरना निंदा और गली में इंसान का समय अधिक व्यर्थ हो जाता है हाथी रहा चलता है तो अपनी सूर्य से धरती की धूल कणों को साफ करता हुआ चलता है महात्माओं ने कहा है कि स्वच्छता में पालनकर्ता विष्णु निवास करते हैं साथ साफ सुथरा परिवेश मन को प्रफुल्लित करता है इसलिए मां दुर्गा के उपासक को भी चाहिए कि वे जहां रहे स्वच्छ वातावरण बनाए इस समय बीमारियों से दूर ©Ek villain #मां दुर्गा के प्रति संवेदनशीलता #Navraatra