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लाख खोज लो इस ज़माने में, पर हमसा कहाँ मिलेगा। जो ह

लाख खोज लो इस ज़माने में, पर हमसा कहाँ मिलेगा।
जो हर वक़्त तुम्हारे साथ हो, अब वो इंसाँ कहाँ मिलेगा।

मिलने को तो मिल जाएंगे, तुम्हें साथी कई इस सफ़र में।
जो साथ निभाए जीवन भर, हमसफ़र ऐसा कहाँ मिलेगा।

इक़रार में भी, इंकार में भी, चाहत के हर इजहार में भी।
हर वादे निभाए जो संग तुम्हारे, वो सनम कहाँ मिलेगा।

न कोई शिकवा न शिकायत, पूरी जो हर आरज़ू करता।
सब कुछ तुम्हें है अपना मानता, वो नादां कहाँ मिलेगा।

जो ख़ामोशी से सुनता है, तुम्हारी हर एक बात को।
जो पूरी करता हर ख़्वाहिश, वो अरमाँ कहाँ मिलेगा। ♥️ Challenge-685 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
लाख खोज लो इस ज़माने में, पर हमसा कहाँ मिलेगा।
जो हर वक़्त तुम्हारे साथ हो, अब वो इंसाँ कहाँ मिलेगा।

मिलने को तो मिल जाएंगे, तुम्हें साथी कई इस सफ़र में।
जो साथ निभाए जीवन भर, हमसफ़र ऐसा कहाँ मिलेगा।

इक़रार में भी, इंकार में भी, चाहत के हर इजहार में भी।
हर वादे निभाए जो संग तुम्हारे, वो सनम कहाँ मिलेगा।

न कोई शिकवा न शिकायत, पूरी जो हर आरज़ू करता।
सब कुछ तुम्हें है अपना मानता, वो नादां कहाँ मिलेगा।

जो ख़ामोशी से सुनता है, तुम्हारी हर एक बात को।
जो पूरी करता हर ख़्वाहिश, वो अरमाँ कहाँ मिलेगा। ♥️ Challenge-685 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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