उस काली 16 dec की काली रात से जब मेरी मौत से मुलाक़ात हुई थी मेरे जिस्म से खून की बरसात हुई थी क्या पता था कि मौत दुबके बैठी है कही मेरे अंग अंग मे दर्द भरी ऐसी दास्तान हुई थी जो छलनी कर गई मेरी जिस्म और आत्मा क़ो इस तरह कि फिर कभी नारी बन कर कभी जन्म ना लू ऐसी मेरे दिल, जिगर मे हुंकार हुई थी मै निर्भया बन गई सबकी नज़रो मे मै तो जयोति थी जो बुझा दी गईं उस काली सात मे, मै भी तो अपने बाबुल की बिटिया थी क्यों लुटी इस तरह जैसे फुटपाथ मे free मे मिलने वाला सामान हुई थी, जिस्म क़ो लहू लुहान कर दिया इस कदर जैसे दुकान मे बिकता,लटकता, खून से रिसता गोस्त हुई थी, खा गये मुझे वो लुटेरे इस कदर कि कुछ नहीं बचा मुझमे मै तो चलती फिरती stracher मे पड़ी जिन्दा लाश हुई थी ©POOJA UDESHI #NirbhayaJustice #NirbhayaJustice #निर्भया की दास्तान #standAlone