मासूमियत के आड़ में यहां, अपनों के गुनहगार देखे है ! खुले आम अपना तरूफ करते , सजा के हकदार देखे है !! मुखोटों के पीछे छिपे चहरों को, मुस्कुराते बार बार देखे है ! तराजू पर तोलते रिश्तों को , यहां हर बार देखे है !! खनकते सिक्को का अंदाज़ अपना, चमक के यहां तरफदार देखे है ! इंसानियत कब तक जिंदा रहे , लगते मुर्दों के बाज़ार देखे हैं !! सिपाही कब तक लड़ता रहे , यहां बिकते सरदार देखे है ! हालातों की अब किसे शिकायत करू, जब यहां लूटते दरबार देखे है !! ©sandeep delu #India #shayri #na #Tu #Tha #ESA #kyu #sunkissed