आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा। कस्ती के मुसाफिर ने समन्दर नहीं देखा॥ पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला। मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा॥ ©Rizwan Ahamad Faizi आँखों में रहा #दिल में उतर कर नहीं देखा। #कस्ती के #मुसाफिर ने #समन्दर नहीं देखा॥ #पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला। मैं #मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा॥ #Rizwan_Ahamad_Faizi