बदलोगे एक दिन तुम भी, दिल ये जानता था, त्याग कर उसे भूल जाओगे, वो ये मानता था। रखा जिसे क़रीब, वो गया ही है सदा छोड़कर, हँसा के फिर रुलाओगे भी वो ये समझता था। ग़ैरों को एक हद तक ही अपनापन जताओगे, टूट के लौट आओगे,अक़्सर वो ये बोलता था। इस ज़माने से अलग नहीं,ना तुम और ना हम, बोलकर भी पछताओगे ही, वो ये सोचता था। मन्नतें हों या मिन्नतें, यहाँ सब बे-असर है 'धुन', समझ कर भी नहीं समझोगे, वो ये देखता था। Rest Zone आज का शब्द- 'त्याग' #rzmph #rzmph72 #त्याग #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #restzone