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सुकून की तलाश में इधर उधर मत भटक, अपितु सुबह 5 बजे

सुकून की तलाश में इधर उधर मत भटक, अपितु सुबह 5 बजे उठकर शमशान घाट में जाकर शांत मन से बैठ जाओ और सच्चाई जानों कि आना यही है एक दिन, फिर क्यों दुःखी होकर बची ज़िन्दगी को पहले ही श्मशान बनाने में लगे हो। इसलिये जीवन की सच्चाई का बोध वहीं होगा कहीं और नहीं। #ऋषि_अग्रवाल
#बाबा_ऋषि_का_ज्ञान
#सूफ़ियाना_इश्क़_मेरा
सुकून की तलाश में इधर उधर मत भटक, अपितु सुबह 5 बजे उठकर शमशान घाट में जाकर शांत मन से बैठ जाओ और सच्चाई जानों कि आना यही है एक दिन, फिर क्यों दुःखी होकर बची ज़िन्दगी को पहले ही श्मशान बनाने में लगे हो। इसलिये जीवन की सच्चाई का बोध वहीं होगा कहीं और नहीं। #ऋषि_अग्रवाल
#बाबा_ऋषि_का_ज्ञान
#सूफ़ियाना_इश्क़_मेरा