कभी तो पूरी होगी, 'नेह' की कविता हमारी , तुम हो शब्दों के राजा, मैं हूँ सरगम तुम्हारी। तुम हो स्वप्न सलोना, मैं हूँ प्यारी नींद तुम्हारी। तुम हो उगता सूरज, मैं पीछे किरण तुम्हारी। तुम हो शान्त समंदर, मैं बहती तरंग तुम्हारी, कभी तो पूरी होगी, 'नेह' की कविता हमारी । #कविताएं_और_हम #yqdidiquotes #yqquotes #drnehagoswami # नेहसंवाद