एक दूजे की इज़्ज़त सीख गए करना अगर हम तो रिश्तों का तवाज़न खुद ब खुद बनता चला जाएगा, कैसा यह समाज का अजीब सा बोलबाला है पुरुष कमाता है इसलिए शहंशाह है स्त्री घर में रहती है इसलिए कोई खास मोल नहीं.... चलो करते हैं बराबर दोनों को