प्रभु से विनती आज हालात ज़िंदगियों के बद से बदतर हो गए, प्रभु सुनते नहीं विनती क्या सिर्फ पत्थर रह गए। त्राहि त्राहि मची जग में जरा कान खोल सुन लो, कैसे भयावाह दृश्य बन रहे आंख खोल देख लो। ज़िंदगियां खतरे में तुम कैसे हो जग के रखवाले, दया कर हे दया के सिंधु मासूमों के प्राण बचाले। कराहतें मानवों को थोड़ी पीयूष की बूंद पिला दे, हम सब तेरी ही कठपुतली अब न खेल खिला रे। JP lodhi 01/05/2021 ©J P Lodhi. #Corona_Lockdown_Rush #Prayers #poetryunplugged #Nojotowriters #Nojotonews #nojototeam #Poetry