जब तुम होते हो मेरे निकट पुष्पित हो जाता है निर्जन वन विस्मृत हो जाता है संसार तुममे ही हो जाता हूँ मैं मग्न जब तुम होती हो, बेफिक्र रहता मैं, आबशार की तरह झरता रहता मैं। सुवासित मंजरी सी छुपाती मुझे, तेरे सर्वांग में अंतर्लीन हो रहता मैं। #अशोककुमारकौशिकशौक़ जब तुम मेरे साथ होते हो तभी, मेरे सर्वांग की तुम प्यास होते हो।