1282 ई. में उसे अपने पिता के 32 बर्ष का शासन पूर्ण होते ही राजगद्दी पर बिठा दिया गया। गद्दी पर बैठते ही उस महत्वकांक्षी युवा राजा ने 10 बर्षों में ही भीमरस के शासक अर्जुन,धार के परमार, और मेवाड़ के समर सिंह को परास्त कर पूरे राजस्थान में तो अपनी धाक जमा ही ली साथ ही आबू,कठियाबाड़, पुष्कर, त्रिभुवन,चम्पा को जीतकर रणथंभौर आकर 'कोटियजन' यज्ञ किया। ऐसा वीर था हम्मीर देव चौहान।
क्रमशः--01
#पाठकपुराण#राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1 3
#हम्मीरदेव_चौहान_रणथंभौर#yqdidi#yqhindi