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सब्र से सुबह होती हैं जाम से शाम होती हैं कहीं को

सब्र से सुबह होती हैं जाम से शाम होती हैं 
कहीं कोई चैन से सोता कहीं नींद हराम होती हैं...!!
मियां शायद कसूर अपना था यार दिल टूटने के बाद
तमाम उम्र यही बातें फिर सरेआम होती हैं...!!
और हर गरीब से छीन ली जाती हैं उसकी मोहब्बत
आ के पैसों तले हर रिश्ते में दुआ सलाम होती हैं..!!

©battameez kalam garibi 

#LoveOrFriendship
सब्र से सुबह होती हैं जाम से शाम होती हैं 
कहीं कोई चैन से सोता कहीं नींद हराम होती हैं...!!
मियां शायद कसूर अपना था यार दिल टूटने के बाद
तमाम उम्र यही बातें फिर सरेआम होती हैं...!!
और हर गरीब से छीन ली जाती हैं उसकी मोहब्बत
आ के पैसों तले हर रिश्ते में दुआ सलाम होती हैं..!!

©battameez kalam garibi 

#LoveOrFriendship