क्या कहेंगे लोग, अब परवाह नहीं।। हुं में भी इनसान, किसी की जागीर नहीं।। कभी मां तो कभी वेटि, कभी वेहन तो कभी साखी, वाखुव निभाया हर किरदार, मगर किसी को एहसास नहीं।। देदी हर खुशीयां, लेकिन कभी कुछ मांगी नहीं।। अव नहीं जरुरत, झूठी सहारे कि मुझे। हुं अकेली मगर, वेसहारा नहीं।। जी लुंगी ज़िन्दगी, अकेली यूँही पूरी। क्या कहेंगे लोग, अव परवाह नहीं।। #Respectable_women#journey_of_her_life#nojoto