क्या लेकर आये थे क्या लेकर जायेगे, रोते हुए आये थे सबको रुलाकर मरजाएँगे, जीते जी तो पूछता नही कोई हालचाल यह कैसे मरा फिर घरवालो से पूछने आएंगे, पहले जो लोग डालते थे जपकिया कभी वो भी उस दिन मुझे छूने के बाद हाथ दोएंगे, मेरे पसंद के रंग सबी यही पर छूट जायेगे, लोग सफेद कफन उड़ा कर शमशाम घर ले जाएंगे, मेरी याद मै कुछ दिन तो घरवाले बहुत रोयेंगे, यह अपना कभी था ही नही फिर यह कहकर मुझे भूल जाएंगे, क्या लेकर आये थे क्या लेकर जायेगे,