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बात तेरी इतनी गहरी, डूब जाता उसमें हूँ.! शब्दों की

बात तेरी इतनी गहरी,
डूब जाता उसमें हूँ.!
शब्दों की #गहराई में,
गोता लगाता रहता हूँ.!
शब्दों की इन शिपियां को,
खोल खोल देखता हूँ.!
कभी कभी इन शिपियों से,
मोती निकल आती है.!
#अजय57 #शब्दों_की_मोती
बात तेरी इतनी गहरी,
डूब जाता उसमें हूँ.!
शब्दों की #गहराई में,
गोता लगाता रहता हूँ.!
शब्दों की इन शिपियां को,
खोल खोल देखता हूँ.!
कभी कभी इन शिपियों से,
मोती निकल आती है.!
#अजय57 #शब्दों_की_मोती