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ना जाने क्यों परेशान हूं कुछ है जिससे मैं अनजान हू

ना जाने क्यों परेशान हूं
कुछ है जिससे मैं अनजान हूं,
बरसती घटाएं हैं 
फिर भी रेगिस्तान  हूं।

खुश रहने की हर एक वजह है
ना जाने फिर भी क्यूं उदास हूं,
चारो तरफ शोर - गुल है
फिर भी शमशान हूं।

हर लफ्ज़ में मैं है
इस मैं से मैं हैरान हूं,
हर वक्त चिंतन है मुझमें,
ना जाने फिर भी क्यों चिता समान हूं।

कुछ पल ठहरने की ख्वाहिश है
मैं एक भटकता पथिक समान हूं।

©VIJAY PRATAP
  अनजान

#अलोन #alone #SAD #Facebook
ना जाने क्यों परेशान हूं
कुछ है जिससे मैं अनजान हूं,
बरसती घटाएं हैं 
फिर भी रेगिस्तान  हूं।

खुश रहने की हर एक वजह है
ना जाने फिर भी क्यूं उदास हूं,
चारो तरफ शोर - गुल है
फिर भी शमशान हूं।

हर लफ्ज़ में मैं है
इस मैं से मैं हैरान हूं,
हर वक्त चिंतन है मुझमें,
ना जाने फिर भी क्यों चिता समान हूं।

कुछ पल ठहरने की ख्वाहिश है
मैं एक भटकता पथिक समान हूं।

©VIJAY PRATAP
  अनजान

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vijaypratap3901

VIJAY PRATAP

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