White कुछ यूँ हम तोहमतों से नवाज़े गए, हुए फ़कीर जब ख्वाबों के जनाज़े गए, शिकस्त नज़रें उठी सहारे की तलाश में, झुकी वों जब तबादले सवाल दागे गए, हर्फ-ए-मोहब्बत तमाशाई था उस रोज़, जब वादों के फेहरिश्त फरियादों से बाटें गए, लिहाज़न उन्सियत ज़ज्बात ज़िंदा रखे, सो बेफ़ुज़ूल हम मोहब्बत में आज़माये गए, -Ibrat Shubhra Tripathi ©Ibrat #detachment Saad Ahmad ( سعد احمد ) Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"