tumhein samaj kyun nahi aata ki तुम्हें समझ क्यों नहीं आता की... रहना है मुझे तेरे पास तभी तो हर बार तेरे पीछे चली आती। लाखों के भीड़ में भी मै उन सबसे तुम्हें खास हूं बताती।। तुम्हें समझ क्यों नहीं आता की... चाहती हूं मै की तुम कभी थोड़ी सी ही मगर परवाह करो मेरी। गुस्सा न भी रहूं, तो मना लिया करो मुझे अगर कभी आने में हो जाएं तुम्हे देरी।। तुम्हें समझ क्यों नहीं आता की... कहना बहुत कुछ होता है मुझे पर तुमसे कह नहीं पाती। इसलिए तो तुम्हें अपने बेफिजूल की चीज़ों में या कभी कुछ बातों में उलझती।। तुम्हें समझ क्यों नहीं आता की... मेरी खामोशियां तुम्हें क्या समझना चाहती। तुम्हें समझ क्यों नहीं आता....! -Anushka Anand #tumhe_samjh_kyu_nahi_aata.... #kuch_alfaaz_sidhe_dil_se #loveQuotes #hindipoetry #pleaseReadAndLoveMyPeotry