कई डबडबाई सी कहानियाँ जो कभी लिखी ना गयी सुनी ना गयी कही ना गयी जो चाहती थी कि उतरें कभी किसी कागज़ पर करें तय कानों से जबां का सफ़र बतलायी जाएं दुनिया को कभी एक साथ कभी किश्तों में दादी नानी के किस्सों में ज़िन्दगी के अनगिनत हिस्सों में.. पर जो दिल-ए-क़फ़स में ही कैद रही सदा किसी बे-बस पाखी की तरह चुभी जो बे-दर्द माज़ी की तरह आँखों से बही नाकामी की तरह वो सारी कहानियाँ मेरी हैं.. और कई अनछुई कहानियाँ जो चल रही हैं किसी मन में अभी भी दौड़ रही हैं सरपट कहीं कुछ खड़ी हैं मौत की दहलीज़ पर जो या कुछ जो पैदा होने को आमादा हैं बदल रही हैं करवट कहीं वो सारी कहानियाँ भी मेरी हैं वक़्त हूँ मैं कहानियाँ कोख़ में रखता हूँ!! ©KaushalAlmora #कहानियाँ #yqdidi #रोजकाडोजwithkaushalalmora #life #डबडबाई #कोख़ #poetry #365days365quotes