White जो शख्स मुद्दतों मेरे सैदाइयों में था. आफत के वक्त वो भी तमाशाइयों में था.. इसका इलाज कोई मसीहा न कर सका.. जो जख्म मेरे रूह की गहराइयों में था.. ©Y. B 'दर्द भरी शायरी'