एक ज़िंदगी थी खूबसूरत सी लहलहाती हुई घटाओ सी मुस्कुराती हुई लताओं सी लगी नज़र जब किसी की तो हुई वीरान श्मशान सी अब लाश बन गया हूं और मरा भी नहीं हूं तकदीर ये कैसी अब हो चुकी है रातें घोर अंधेरी अब शामे भी रोशन ना रही ज़िन्दा हूं मैं फिर भी लाश बन रहा ख़ामोश मेरे लफ्ज़ अब कराह उठते हैं दर्द सीने को अब चीर उठते हैं ।। by √ammi ©Ammi #पत्थरदिल #HeartBreak